कांग्रेस टिकट के लिए हिमाचल के इस विधानसभा हलके से आए रिकार्डतोड़ आवेदन

Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Oct, 2017 12:13 AM

application from this assembly election area of himachal for congress ticket

जिला ऊना का कुटलैहड़ क्षेत्र ऐसा पहला चुनाव हलका है, जहां कांग्रेसियों में चुनाव लडऩे की जबरदस्त होड़ लगी है।

ऊना: जिला ऊना का कुटलैहड़ क्षेत्र ऐसा पहला चुनाव हलका है, जहां कांग्रेसियों में चुनाव लडऩे की जबरदस्त होड़ लगी है। कुटलैहड़ क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत काफी ऊपर-नीचे होता रहा है। केवल 2 चुनावों में ही सफलता पाने वाले इस क्षेत्र में कांग्रेसी नेताओं की एक तरीके से बाढ़ आ चुकी है। अब जबकि कांग्रेस पार्टी ने टिकट के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं तो इस क्षेत्र से रिकार्डतोड़ 22 नेताओं ने टिकट पाने की इच्छा जाहिर की है। इसके लिए पार्टी को 25 हजार रुपए की राशि भी प्रदान की है। जिला में शायद यह अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड होगा कि जिस क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी लगातार हार रही है, वहां की टिकट पाने की कांग्रेसियों में होड़ मची हुई है। 

वर्ष 1967 से 2012 तक 2 ही बार जीत पाई है कांग्रेस
यह अलग बात है कि वर्ष 1967 में हुए विस चुनावों से लेकर 2012 तक के चुनावों में कांग्रेस पार्टी सिर्फ 2 बार ही इस क्षेत्र में जीत दर्ज कर पाई है। अब तक हुए 11 विस चुनावों में से 9 बार आजाद, जनता दल या भाजपा ही जीतती रही है। वर्ष 1972 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सरला शर्मा तथा 1985 के चुनाव में रामनाथ शर्मा के अतिरिक्त कोई भी कांग्रेस टिकट पर चुनाव नहीं जीत पाया है। वर्ष 1967 के चुनाव में कुटलैहड़ से ठाकुर रणजीत सिंह ने बतौर आजाद प्रत्याशी कांग्रेस पार्टी की सरला शर्मा को हराया था। उस समय रणजीत सिंह को 6929 तो सरला शर्मा को 4062 मत मिले थे। वर्ष 1972 के चुनाव में सरला शर्मा चुनाव जीती तो उन्हें 10750 मत मिले जबकि लोकराज पार्टी के ठाकुर रणजीत सिंह को 6493 वोट मिले थे। वर्ष 1977 के चुनावों में जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े रामनाथ शर्मा को 9836 तो कांग्रेस की सरला देवी को 6000 मत पड़े थे। इसमें रामनाथ शर्मा की जीत हुई थी।

वर्ष 1982 में 778 वोटों से हारी कांग्रेस
वर्ष 1982 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर रणजीत सिंह चुनाव लड़े और उन्हें 7022 वोट मिले जबकि कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लडऩे वाले रामनाथ शर्मा को 6244 वोट मिले थे। इसमें रणजीत सिंह विजयी हुए थे। वर्ष 1985 के चुनावों में कुटलैहड़ से कांग्रेस के रामनाथ शर्मा ने 13766 वोट हासिल किए जबकि भारतीय जनता पार्टी के रणजीत सिंह को 9714 वोट मिले। कांगे्रस के रामनाथ शर्मा चुनाव जीत गए। वर्ष 1990 के चुनावों में जनता दल की टिकट पर रणजीत सिंह मैदान में उतरे और 15994 वोट हासिल किए जबकि रामनाथ शर्मा कांग्रेस के कैंडीडेट थे और उन्हें 11988 मत मिले थे।

वर्ष 1998 में 3 वोट से हारी कांग्रेस
वर्ष 1993 के चुनावों में भाजपा ने रामदास मलांगड़ को मैदान में उतारा तो उन्हें कुटलैहड़ से 14846 मत मिले जबकि कांगे्रस के रामनाथ शर्मा को 13874 वोट मिले थे। वर्ष 1998 के चुनावों में भाजपा के रामदास मलांगड़ को 11660 तो कांग्रेस के राजा महेंद्र पाल को 11657 मत मिले थे। इस चुनाव में 3 वोट से कांग्रेस के राजा महेंद्र पाल सिंह चुनाव हार गए थे। वर्ष 2003 के चुनावों में भाजपा ने वीरेन्द्र कंवर को चुनाव मैदान में उतारा तो उन्हें 12380 वोट मिले जबकि कांग्रेस की महिला नेता सरोज ठाकुर को 8464 वोट मिले थे। वर्ष 2007 के चुनावों में भाजपा के वीरेन्द्र कंवर को 24677 तो कांग्रेस के रामनाथ शर्मा को 17734 मत मिले थे। वहीं वर्ष 2012 के चुनावों में कुटलैहड़ से फिर भाजपा ने वीरेन्द्र कंवर को मैदान में उतारा तो उन्होंने भाजपा से ही कांग्रेस में गए और प्रत्याशी बने रामदास मलांगड़ को हराया। वीरेन्द्र कंवर को 2012 के चुनावों में 26028 मत मिले जबकि कांग्रेस के मलांगड़ को 24336 वोट मिले थे। 

इन्होंने किया अब तक आवेदन
जिन नेताओं ने टिकट के लिए अब तक आवेदन किया है, उनमें विजय डोगरा, उर्मिला देवी, अरुण पटियाल, देवेन्द्र कुमार, देसराज मौदगिल, सुदेश कुमार वोहरा, गणेश दत्त भरवाल, सोमा देवी भरवाल, राजेन्द्र मलांगड़, कपिल शर्मा, देसराज गौतम, रुमेल कुमार, प्रवीण दुआ, धर्मेन्द्र सिंह पटियाल, रणवीर राणा, सुमित शर्मा, रविन्द्र कुमार फौजी, बलदेव सिंह कुटलैहडिय़ा, मनीश कुमार शर्मा, सत्या देवी, मनोहर लाल शर्मा व प्रवीण शर्मा शामिल हैं। 

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