Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Sep, 2017 08:38 PM
सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस में विश्वास खो चुके हैं और उतना ही विश्वास जनता कांग्रेस से खो चुकी है।
गगरेट: सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस में विश्वास खो चुके हैं और उतना ही विश्वास जनता कांग्रेस से खो चुकी है। जनता से वायदे कर बदल जाना मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पहचान है। यह वीरभद्र सिंह सरकार नहीं, बल्कि बेवफा सरकार है। यू.पी. में जिस प्रकार समाजवादी पार्टी ने जनसमस्याओं से ध्यान हटाकर चुनावी मुद्दा मुलायम बनाम अखिलेश बनाना चाहा, ठीक उसी तरह यहां सी.एम. पद को मुद्दा बनाकर कांग्रेस मुक्ति पाना चाह रही है लेकिन जनता इन चुनावों में कांग्रेस को इसका दंड जरूर देगी। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता की यही पुकार है कि इस बार भाजपा सरकार सत्ता में आए। जब लोग दर्द में हों, तकलीफ में हों तो वे पुकारते हैं।
आम जनमानस भ्रष्ट सरकार से तंग
कहीं न कहीं हिमाचल में आम जनमानस भ्रष्ट सरकार से तंग आ चुका है। किसान, नौजवान, महिला, मजदूर व कर्मचारी से लेकर व्यापारी तक सरकार की नीतियों से तंग हैं। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ 2 महीने का समय बचा है और 2 महीने के बाद हिमाचल में कमल खिलेगा। विधानसभा चुनावों से पहले नेतृत्व तय करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी की रणनीति पर तय करता है कि प्रदेश में नेतृत्व की किस समय घोषणा हो, लेकिन देश भर में जिस प्रकार भाजपा एक के बाद एक चुनाव जीत रही है, उससे कोई शंका ही नहीं है कि प्रदेश में हर हालत में भाजपा चुनाव जीतेगी।
एम्स की स्थापना में देरी जनता का नुक्सान
बिलासपुर में एम्स की स्थापना को लेकर हो रही देरी पर उन्होंने कहा कि इसके पीछे कारण कोई भी हो लेकिन नुक्सान जनता का हो रहा है। राज्य सरकार के कारण भी कई बड़े प्रोजैक्ट रुके पड़े हैं। ऊना के बरनोह में सी.एस.डी. का डिपो खुलना था लेकिन भूमि तय न होने के कारण नहीं खुल सका। देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 5 साल पहले जमीन तय हो जाने के बावजूद यह जमीन केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम ट्रांसफर नहीं हो सकी। बिलासपुर में हाईड्रो इंजीनियरिंग कालेज के लिए तय भूमि के लिए एग्रीमैंट न करना ऐसे कई मामले हैं, जो राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि जिला ऊना भी मादक पदार्थों के गढ़ के रूप में उभरा है। न तो नशा माफिया पर कार्रवाई हुई और न ही जिले में सरकार कोई नशा मुक्ति केंद्र खोल पाई। इससे सरकार की पोल सरेआम खुल रही है।
मुख्यमंत्री को राजनीति से ले लेना चाहिए संन्यास
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह को अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। पता नहीं कांग्रेस की क्या मजबूरी है कि भ्रष्ट नेतृत्व को ढो रही है। जो पार्टी संगठन को हर रोज जलील कर रहा है, उस संगठन के लोग कितने सहनशील होंगे। शायद कुर्सी के मोह में सार्वजनिक जलालत पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती।