Edited By Updated: 26 Mar, 2017 05:06 PM
राज्य सरकार ने अपने वार्षिक बजट में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के लिए 42 करोड़ के बजट का प्रावधान तो कर दिया है लेकिन इस पैसे का सदुपयोग हो, इसके लिए सरकार अब गाइडलाइन बनाने जा रही है।
मंडी (नीरज शर्मा): राज्य सरकार ने अपने वार्षिक बजट में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के लिए 42 करोड़ के बजट का प्रावधान तो कर दिया है लेकिन इस पैसे का सदुपयोग हो, इसके लिए सरकार अब गाइडलाइन बनाने जा रही है। या यूं कहें कि पैसा देने के लिए सरकार शर्तें लगाएगी। पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा की मानें तो 13वें वित्तायोग में 30 प्रतिशत प्रावधान होने के बाद भी भाजपा सरकार ने जिला परिषद और समिति सदस्यों को 50 प्रतिशत बजट दिया था। नतीजा यह निकला कि इन प्रतिनिधियों ने ऐसे विवादित कार्यों के लिए धन दे दिया जिसकी वजह से पैसा खर्च ही नहीं हो पाया।
42 करोड़ के सदुपयोग के लिए गाइडलाइन बनाने जा रही सरकार
बताया जाता है कि उस समय समिति सदस्यों का 15 करोड़ तो जिला परिषद का 17 करोड़ का बजट बेकार पड़ा रहा। ऐसे में अब सरकार दिए जाने वाले 42 करोड़ के सदुपयोग के लिए गाइडलाइन बनाने जा रही है। अनिल शर्मा के अनुसार इस दिशा में जल्द ही कार्य शुरू होगा ताकि जिला परिषद और समिति सदस्यों को दिए जाने वाले पैसों का दुरूपयोग न हो सके।