वन रक्षक की मौत पर गुस्साए वन रक्षक सड़कों पर उतरे, वन माफिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Jun, 2017 09:48 PM

angered forest guards came down on road during death of the forest guard

वन मंडल करसोग की मगरू रेंज के अंतर्गत सेरी कतांडा बीट में वन रक्षक होशियार सिंह की मौत के मामले को लेकर प्रदेश वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ सड़कों पर उतरा।

मंडी: वन मंडल करसोग की मगरू रेंज के अंतर्गत सेरी कतांडा बीट में वन रक्षक होशियार सिंह की मौत के मामले को लेकर प्रदेश वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ सड़कों पर उतरा। मंगलवार को संघ की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष तुलसी राम शर्मा की अगुवाई में प्रदेशभर से आए सैंकड़ों वन रक्षकों ने मंडी शहर में रैली निकाल कर वन रक्षक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ कर फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। वन रक्षक की मौत से गुस्साए वन रक्षकों ने मामले में सही जांच करने की मांग और वन माफिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी, वहीं डी.सी. परिसर में धरना-प्रदर्शन भी किया। इस दौरान वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल डी.सी. और एस.पी. मंडी से भी मिला। प्रतिनिधिमंडल में राज्य अध्यक्ष तुलसी राम वर्मा के अलावा मंडी वन वृत्त के प्रधान प्रदीप ठाकुर, कुल्लू के गोपाल ठाकुर, हमीरपुर के गुरचरन, सतपाल, भानु प्रताप, चांद स्वरूप राणा, सुनील कुमार व नीरज ठाकुर आदि शामिल थे। 

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गिरफ्तार हुए अरोपियों के पीछे कहीं कोई और लोग तो नहीं 
डी.सी. से मिले प्रतिनिधिमंडल ने वन रक्षक की मौत की जांच विशेष जांच एजैंसी या सी.बी.आई. के माध्यम से करवाने की मांग की। वहीं मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से वित्तीय मदद देने की भी मांग की। इस पर डी.सी. संदीप कदम ने प्रतिनिधिमंडल को हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है और इसकी रिपोर्ट सरकार को दी जा रही है। प्रतिनिधिमंडल ने एस.पी. मंडी प्रेम कुमार ठाकुर से मुलाकात कर जांच के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। संघ के प्रधान ने कहा कि अब तक हुई गिरफ्तारियों से वे संतुष्ट हैं लेकिन इन लोगों के पीछे कहीं कोई और लोग तो नहीं हैं। इस बारे में भी जांच होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल की ओर से उठाए गए सवालों और आशंकाओं का एस.पी. मंडी और एडीशनल एस.पी. कुलभूषण वर्मा ने जवाब देते हुए इस मामले में की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी।

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वन रक्षक की मौत हादसा नहीं हत्या है
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला मंडी ने वन रक्षक की मौत पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने इसे मामले को हादसा नहीं बल्कि हत्या करार दिया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हत्यारों को शीघ्र पकड़कर सलाखों के पीछे डाला जाए। इसके अलावा उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करवाई जाए ताकि सरकारी कर्मचारी निर्भय होकर अपनी ड्यूटी दे सकें। उन्होंने सरकार व प्रशासन से वन रक्षक की हत्या की न्यायिक जांच करवाने तथा वन रक्षक को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। 

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