गुड़िया केस के बाद अब यहां हुई हिमाचल पुलिस की फजीहत, CBI ने 3 कर्मियों पर दर्ज की FIR

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Dec, 2017 10:03 PM

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गुड़िया केस में फजीहत होने के बाद अब हिमाचल पुलिस के 3 कर्मी एक युवक पर मादक द्रव्य रखने का झूठा केस बनाने को लेकर सी.बी.आई. जांच दायरे में आ गए हैं।

शिमला: गुड़िया केस में फजीहत होने के बाद अब हिमाचल पुलिस के 3 कर्मी एक युवक पर मादक द्रव्य रखने का झूठा केस बनाने को लेकर सी.बी.आई. जांच दायरे में आ गए हैं। पुलिस कर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर गुडग़ांव के एक युवक रवि कुमार को मादक पदार्थ रखने के झूठे मुकद्दमे में जबरन फंसाने का षड्यंत्र रचा। ऐसे में सी.बी.आई. ने प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर मंडी सदर थाना के सब इंस्पैक्टर जयलाल, पुलिस सिटी चौकी मंडी के ए.एस.आई. रामलाल व कांस्टेबल प्रदीप कुमार, हरियाणा जींद निवासी मंजीत और जसबीर सिंह के खिलाफ शिमला स्थित शाखा में एफ.आई.आर. दर्ज की है। 

जल्द शुरू होगा गिरफ्तारियों का दौर
हाईकोर्ट के निर्देशों पर सी.बी.आई. ने शनिवार को 3 पुलिस कर्मियों समेत 5 लोगों के खिलाफ  मामला दर्ज करने की यह कार्रवाई अमल में लाई है, ऐसे में अब जल्द ही जांच एजैंसी गिरफ्तारियों का दौर भी शुरू कर सकती है। उक्त सभी पर मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाने की साजिश रचने, झूठे दस्तावेज व साक्ष्य तैयार करने तथा फिरौती वसूलने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। इस मामले में सी.बी.आई. ने हाईकोर्ट के निर्देशों की प्रारंभिक जांच अमल में लाई थी। इसके तहत पीडि़़त युवक द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए और उसके बाद कोर्ट ने जांच एजैंसी को मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। सी.बी.आई. ने उक्त सभी पर आई.पी.सी., पी.सी. और एन.डी.पी.एस. एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की है। पुलिस कर्मियों ने आपसी मिलीभगत कर रवि कुमार के खिलाफ मंडी जिला के सदर थाना में 23 जनवरी 2016 को केस दर्ज किया था। इस मामले में मादक द्रव्य रखने के मामले में जबरन फंसाए गए रवि कुमार को पिछले सप्ताह जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

20 लाख की मांगी थी फिरौती
सी.बी.आई. ने मामले की प्रारंभिक जांच में पाया कि मंडी पुलिस के उक्त कर्मियों ने हरियाणा निवासी मंजीत कुमार व जसबीर सिंह के साथ मिलकर रवि के खिलाफ मादक द्रव्य रखने का झूठा केस बनाया। जांच में यह भी सामने आया है कि झूठा केस बनाने से पहले रवि के पिता को फोन कर 20 लाख रुपए की फिरौती भी मांगी गई। फर्जी केस में बेटे के फंसने पर पिता रमेश चंद ने पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत की। विभागीय जांच हुई और उसमें भी आरोप सही पाए गए लेकिन किसी भी अधिकारी ने आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ  कोई कार्रवाई न करते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी। ऐसे में पीड़ित परिवार ने न्याय के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई। 

तस्करी से जुड़े होने के तथ्य आए सामने
सूत्रों की मानें तो सी.बी.आई. जांच में मंजीत के मादक द्रव्यों की तस्करी से जुड़े होने और पुलिस कर्मियों से संबंध होने की बात भी सामने आई। जांच के दौरान यह भी पाया गया था कि मंजीत सिंह व रवि कुमार के खिलाफ  आपराधिक मामले दर्ज हुए थे लेकिन बाद में ये उन आरोपों से बरी हो गए थे।

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