Edited By Updated: 07 Dec, 2016 03:22 PM
केंद्र की नोटबंदी के बाद बैंकों में करंसी की कमी से मची अफरा-तफरी थमने का दौर नहीं ले रही है।
चंबा: केंद्र की नोटबंदी के बाद बैंकों में करंसी की कमी से मची अफरा-तफरी थमने का दौर नहीं ले रही है। मंगलवार को शहर के तमाम बैंकों में करंसी की कमी के चलते प्रबंधन वर्ग ने आहरण की लिमिट तय करके काम चलाया। बैंकों में लंबी लाइनों में खड़े होने के बाद लिमिट की करंसी मिलने से लोग काफी परेशान हो उठे हैं। सभी सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में सैलरी आ गई है। लेकिन टेंशन इस बात की है कि कैश कैसे निकालें। लोगों का कहना है कि लिमिट की नकदी से घर का खान-खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
बैंक से मिल रही नकदी ऊंट के मुंह में जीरे वाली कहावत के समान है। हालांकि मंगलवार को शहर के अधिकांश बैंकों की एटीएम के कैश से फुल रहना लोगों के लिए राहत की बात रही। बैंक परिसरों के अलावा एटीएम के बाहर देर शाम तक लोगों की लंबी लाइनें देखने को मिलीं। बैंक प्रबंधनों की मानें तो अगर जल्द चंबा में नई करंसी नहीं पहुंची तो आगामी दिनों में उन्हें नकदी उपलब्ध करवाने में काफी मुश्किलें पेश आ सकती हैं।
बैंक प्रबंधनों का तर्क है कि लोग नकदी आहरण तो करवा रहे है, लेकिन डिपोजिट नाममात्र का ही मिल रहा है। बहरहाल, मंगलवार को भी करंसी की कमी से जूझ रहे बैंक प्रबंधनों ने अपने स्तर पर आहरण की लिमिट तय करके हर व्यक्ति को नकदी उपलब्ध करवाने का कोशिश की।