एक ऐसा गांव जहां बरसात के दिनों कैदियों की जिंदगी जीते हैं लोग

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Jun, 2017 02:07 AM

a village where people live the life of inmates during rainy days

नादौन उपमंडल की बेला पंचायत के अमतर गांव के पास बह रही ब्यास नदी के पार बसे लगभग 50 गांवों के 50,000 लोग आवाजाही की मूलभूत सुविधा की दिक्कत झेल रहे हैं।

नादौन: नादौन उपमंडल की बेला पंचायत के अमतर गांव के पास बह रही ब्यास नदी के पार बसे लगभग 50 गांवों के 50,000 लोग आवाजाही की मूलभूत सुविधा की दिक्कत झेल रहे हैं। ऐसे ही हालातों से बड़ा के चौड़ू गांव के साथ लगते गांव डोडरू के लोग गुजर रहे हैं। इस गांव के लोग बरसात के दिनों में गांव में कैद हो जाते हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पाते तथा मजदूर मजदूरी के लिए बाहर नहीं निकल सकते। ब्यास नदी का पानी वैसे तो जीवनदायी है परंतु जब पानी रौद्र रूप धारण करता है तो इन लोगों के लिए अभिशाप बन जाता है। 

समस्या को लेकर 3 साल पहले मुख्यमंत्री से मिले थे लोग
करीब 3 साल पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नादौन दौरे के दौरान लोग अपनी समस्या को लेकर उनसे मिले थे तथा उन्होंने आश्वासन दिया था कि ब्यास नदी पर अमतर व डोडरू गांवों में झूला पुल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन से लोगों में आस जगी थी कि उनके गांव आल वैदर कनैक्टीविटी से जुड़ेंगे लेकिन लोगों की आशाएं अब धूमिल होने लगी हैं क्योंकि झूला पुल बनाने का कार्य सर्वे से आगे नहीं बढ़ सका है।


2 की जगह 15 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर  
ब्यास नदी पर पुल या झूला पुल न होने के कारण लोगों को नादौन पहुंचने के लिए या तो नाव का सहारा लेना पड़ता है या फिर सड़क मार्ग से 15 किलोमीटर घूम कर नादौन आना पड़ता है। जहां ब्यास नदी पार कर नादौन आने में महज 2 किलोमीटर का सफर पड़ता है, वहीं घूमकर आने में लोगों को 15 से 20 रुपए तक किराया चुकाना पड़ता है।

लोगों की मांग को अनदेखा न करे सरकार 
इस क्षेत्र की ग्राम पंचायतों लुथाण, सिल्ह, मझीण, दरीण, बेला तथा नगर पंचायत नादौन ने भी इस स्थान पर झूला पुल बनाकर लोगों के लिए ब्यास नदी को 24 घंटे आर-पार करने की सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग कई बार की है। लोगों का कहना है कि कई दशकों से कई सरकारें आईं तथा गईं परंतु उनकी इस मांग को हर बार अनदेखा कर दिया गया। यहां के लोगों ने जनहित में इस झूला पुल को अतिशीघ्र बनाने की मांग की है।

बहानेबाजी में खो गई है पुल की मांग
ब्यास नदी पर पुल या झूला पुल बनाने की मांग लोग वर्षों से कर रहे हैं लेकिन किसी भी सरकार ने उनकी यह मांग पूरी नहीं की है। जनता को घर-द्वार पर सुविधाएं देने वाली सरकारों की खोखली नीतियों की पोल इन गांवों की दशा देखने पर खुल जाती है। लोगों में इस बात को लेकर रोष है कि आज के वैज्ञानिक युग में मनुष्य चांद पर पहुंचकर मंगल ग्रह पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है तो ऐसे में प्रदेश सरकार ब्यास नदी का पाट अधिक चौड़ा होने का बहाना बनाकर झूला पुल बनाने में असमर्थता जाहिर कर रही है। 

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