108 में से 51 चिकित्सकों के पद खाली, कैसे होगा इलाज

Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Feb, 2018 01:02 PM

51 vacant posts out of 108 doctors

भले ही प्रदेश में लोगों को घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए धड़ाधड़ स्वास्थ्य संस्थान खोले गए हैं लेकिन जो स्वास्थ्य संस्थान पहले से ही कार्यरत हैं उनमें ही पूरा चिकित्सीय स्टाफ उपलब्ध नहीं, ऐसे में अन्य संस्थान खोले जाने का कोई...

बिलासपुर : भले ही प्रदेश में लोगों को घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए धड़ाधड़ स्वास्थ्य संस्थान खोले गए हैं लेकिन जो स्वास्थ्य संस्थान पहले से ही कार्यरत हैं उनमें ही पूरा चिकित्सीय स्टाफ उपलब्ध नहीं, ऐसे में अन्य संस्थान खोले जाने का कोई लाभ नहीं है। होना तो यह चाहिए कि जिन स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की कमी है उसे पूरा किया जाए अन्यथा स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या बढ़ाने का कोई लाभ जनता को नहीं मिल पाएगा। प्रदेश में नई सरकार को बने हुए लगभग 2 महीने का समय बीत चुका है लेकिन जिला में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग विफल नजर आ रहा है।

51 चिकित्सों के पद खाली 
इस बारे में अगर बिलासपुर जिले की ही बात की जाए तो क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के अलावा 3 और सिविल अस्पताल, 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा 121 स्वास्थ्य उप केंद्र हैं। इसी के साथ ही जिला में 49 अन्य चिकित्सालय लोगों को बेेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए खोले गए हैं जिनमें क्षेत्रीय अस्पताल के साथ ही अन्य अस्पतालों में 108 डॉक्टरों के पद सृजित किए गए हैं। हैरानी की बात है कि पूरे जिले में 51 चिकित्सों के पद खाली पड़े हुए हैं। इसमें से 10 तो बिलासपुर के क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के ही हैं, जिससे लोगों को घर-द्वार पर बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। कई अस्पताल तो ऐसे भी हैं जो केवल डैपुटेशन पर भेजे जा रहे डॉक्टरों के सहारे चल रहे हैं।

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