Edited By Punjab Kesari, Updated: 20 Jul, 2017 04:46 PM
विश्व विख्यात पर्यटन स्थल खजियार सैलानियों का आकर्षण तो है ही, करीब 500 स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का संसाधन भी है।
चंबा: विश्व विख्यात पर्यटन स्थल खजियार सैलानियों का आकर्षण तो है ही, करीब 500 स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का संसाधन भी है। यही नहीं पर्यटन नगरी डलहौजी का पर्यटन कारोबार भी अधिकतर यहीं से ही जुड़ा हुआ है। सैलानियों का इस जगह की वजह से एक दिन डलहौजी में अतिरिक्त ठहराव सुनिश्चित हो जाता है। लिहाजा खजियार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सैंकड़ों लोगों के परिवारों का भरण-पोषण करता है।
95 लोग पर्यटकों को घोड़े पर घुमाकर आजीविका चला रहे
जानकारी के मुताबिक यहां करीब 60 फोटोग्राफर सैलानियों को सेवाएं दे रहे हैं जबकि इतने ही लोग पैराग्लाइडिंग की हवाई उड़ानों से पर्यटकों का मनोरंजन एवं अपने परिवारों का भरण-पोषण कर रहे हैं। करीब अढ़ाई दर्जन टैक्सियां यहां सैलानियों को विभिन्न पर्यटक स्थलों की सैर करवाती हैं जबकि करीब अढ़ाई दर्जन लोग यहां रेहड़ी-फड़ी लगाकर रोजगार जुटा रहे हैं। विभिन्न 18 होटल एवं रैस्तरां संचालक भी यहां बढ़िया कारोबार कर रहे हैं। सबसे अधिक रोजगार यहां घोड़े वालों का है। करीब 95 लोग पर्यटकों को घोड़े पर घुमाकर अर्से से आजीविका चला रहे हैं।
खरगोश यहां नौनिहालों की आजीविका बने
खरगोश यहां नौनिहालों की आजीविका बने हुए हैं। अगर कोई पर्यटक खरगोश के साथ फोटो खिंचवाना चाहे तो 10-20 रुपए खरगोश वाले को देकर खिंचवा सकता है। करीब 80 लोग रोलिंग बाल के माध्यम से खजियार में आजीविका चला रहे हैं। इसके अलावा करीब 3 दर्जन लोग कोल्ड ड्रिंक्स, चना-भटूरा, चना-चाट तथा फ्रूट चाट बेचकर अपने परिवारों का भरण-पोषण कर रहे हैं। हालांकि बर्फबारी में डलहौजी मार्ग बंद रहता है लेकिन चंबा की तरफ से बामुश्किल 3-4 दिनों बाद मार्ग बहाल हो जाता है। लिहाजा दोनों तरफ से सर्दियों में मार्ग सामान्य रहे तो कारोबार और बढ़ सकता है।