402 गत्ता उद्योगों के अस्तित्व पर छाए संकट के बादल

Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Jan, 2018 09:40 AM

402 cloud over the existence of cardboard industries

उत्तर भारत की पेपर मिलों ने अचानक क्राफ्ट के पेपर के रेट में 4 रुपए प्रतिकिलो की वृद्धि कर दी है जिससे प्रदेश के लगभग 402 गत्ता उद्योगों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। ग्राम पंचायत मलपुर के भुड्ड अपैक्स परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए...

बी.बी.एन. : उत्तर भारत की पेपर मिलों ने अचानक क्राफ्ट के पेपर के रेट में 4 रुपए प्रतिकिलो की वृद्धि कर दी है जिससे प्रदेश के लगभग 402 गत्ता उद्योगों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। ग्राम पंचायत मलपुर के भुड्ड अपैक्स परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बी.बी.एन. गत्ता उद्योग संघ के चेयरमैन हेमराज चौधरी, महासचिव अशोक कुमार लोदीमाजरा, सुशील सिंगला व प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन अमरावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की मिलों ने इलाहाबाद कुंभ व एन.जी.टी. का बहाना बनाकर इस महीने उत्पादन बंद रखने की बात कही है और इसी एवज में उत्तर प्रदेश व उत्तर भारत की पेपर मिल एसोसिएशन ने एक बैठक करके क्राफ्ट पेपर के रेट 20 फीसदी बढ़ाने के फरमान जारी कर दिए।

17,000 लोग बेरोजगार हो जाएंगे
इस कारण हिमाचल के लगभग 400 गत्ता उद्योग बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं और अगर ये उद्योग बंद हो गए तो हिमाचल में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त कर रहे लगभग 17,000 लोग बेरोजगार हो जाएंगे। प्रदेश में 67 फीसदी गत्ता उद्योग हिमाचल के युवाओं ने लगाए हैं और कर्जे लेकर उद्योग चला रहे ऐसे मेहनतकश युवा भी सड़कों पर आ जाएंगे। गत्ता पेटी निर्माताओं के लिए सबसे दर्दनाक बात यह है कि पेपर मिलों ने तो रेट बढ़ा दिए लेकिन जिन्हें ये तैयार माल देते हैं वे रेट बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं। गत्ता उद्योग संघ के प्रधान हेमराज चौधरी व प्रांतीय उपप्रधान सुरेंद्र जैन ने कहा कि प्रदेश में हर माह 51 हजार टन क्राफ्ट पेपर की जरूरत होती है जबकि हिमाचल की पेपर मिलें 26 हजार का उत्पादन करती हैं।

संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया
यू.पी. की पेपर मिलों की देखादेखी में प्रदेश की मिलों ने भी पेपर के दामों में 4 रुपए प्रतिकिलो की गैर जरूरी बढ़ौतरी कर दी जबकि रद्दी के रेट भी ज्यों के त्यों हैं। संघ ने कहा कि हिमाचल की पेपर मिलें प्रदूषण यहां करती हैं लेकिन जब प्रदेश का साथ देने की बात आती है तो यू.पी. से हाथ मिला लेती हैं। संघ ने प्रदेश सरकार व प्रदूषण बोर्ड से मांग की कि प्रदूषण करने वाली समस्त मिलों की जांच की जाए ताकि ये हिमाचल के गत्ता उद्योगों का शोषण न कर सकें। संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया कि वह प्रदेश की मिलों को आदेश दें कि वे बाजार भाव पर पेपर बेचें व ब्लैक मार्कीटिंग बंद करें क्योंकि रेट बेमौसमी बढ़े हैं।

कारखानों में हड़ताल करने के लिए मजबूर
बी.बी.एन. गत्ता उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर पेपर मिलों की गुंडागर्दी व धक्केशाही इस प्रकार जारी रही तो वे अपने कारखानों में हड़ताल करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस दौरान गत्ता उद्योग संघ बी.बी.एन. के प्रधान कैप्टन हेमराज चौधरी, महासचिव अशोक राणा लोदीमाजरा, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन, बी.आर. वर्मा, विशाल गोयल, महावीर स्वामी, नवीन वत्स, सुशील सिंगला, बलराम अग्रवाल, विकास सिंगला व विशाल सिंगला सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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