Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Feb, 2018 11:26 AM
राज्य सरकार में शामिल 2 मंत्रियों के खिलाफ याचिका दायर करने पर सियासत गरमा गई है। यह दो मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और डा. राम लाल मार्कंडेय हैं। दोनों के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में जानकारियां छिपाए जाने के आरोप लगे हैं।
शिमला: राज्य सरकार में शामिल 2 मंत्रियों के खिलाफ याचिका दायर करने पर सियासत गरमा गई है। यह दो मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और डा. राम लाल मार्कंडेय हैं। दोनों के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में जानकारियां छिपाए जाने के आरोप लगे हैं। याचिका में शपथ पत्र गलत देने पर उनकी सदस्यता को रद्द करने की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह याचिका दायर की गई थी।
इस मामले के सामने आने पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है तथा आने वाले दिनों में बवाल मच सकता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह पर पैन कार्ड नंबर और संपत्ति को लेकर आरोप लगे हैं। डा. राम लाल मार्कंडेय की संपत्ति को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के 1 विधायक पर भी गलत जानकारी देने का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि महेंद्र प्रदेश सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। वे विरोधियों के निशाने पर रहे हैं और इस बार गलत शपथ पत्र देने संबंधी आरोप उन पर लगा है। इसके अलावा मार्कंडेय दूसरी बार मंत्री बने हैं। हालांकि अब तक कोई भी नेता खुलकर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष नरेश चौहान से जब इस बारे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनको मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि किसी नेता ने शपथ पत्र में तथ्यों को छिपाया होगा तो इसमें कानून अपना काम करेगा।