19 उद्योगपतियों ने नहीं दिया नोटिस का जवाब, उद्योग विभाग ने उठाया ये कदम

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Jan, 2018 02:06 AM

19 industrialists did not respond to notice  industry department take this step

औद्योगिक क्षेत्र ग्वालथाई में बंद पड़े उद्योगों पर उद्योग विभाग ने कार्रवाई करना शुरू कर दी है।

बिलासपुर: औद्योगिक क्षेत्र ग्वालथाई में बंद पड़े उद्योगों पर उद्योग विभाग ने कार्रवाई करना शुरू कर दी है। इस औद्योगिक क्षेत्र में प्लाट लेकर काम न करने वाले 36 प्लाट धारकों को विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे तथा 2 सप्ताह के भीतर इसका जवाब देने के निर्देश दिए थे। जानकारी के अनुसार इनमें से 19 उद्योगपतियों ने इसका कोई भी जवाब विभाग को देना गवारा नहीं समझा, जिस पर विभाग ने इनके प्लाट रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे ऐसे उद्योगपतियों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने प्लाट लेकर अपना काम-धंधा शुरू नहीं किया है या फिर जिन्होंने अपने प्लाटों में रिहायशी मकान बना रखे हैं।

अब बिलासपुर में होगी अगली कार्रवाई 
ग्वालथाई के बाद अब अगली कार्रवाई बिलासपुर में भी की जाएगी। यहां पर भी 36 उद्योगपतियों को ऐसे ही नोटिस दिए गए हैं। जिला उद्योग केंद्र बिलासपुर के महाप्रबंधक ज्ञान सिंह चौहान ने इसकी पुष्टि की है। बता दें कि 4 प्लाट धारकों ने कार्य शुरू करने के लिए 1-2 महीने का वक्त मांगा है, जिस पर विभाग द्वारा व्यक्तिगत सुनवाई के बाद फैसला लिया जाएगा। जिला उद्योग केंद्र बिलासपुर के महाप्रबंधक ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र बिलासपुर के प्लाट धारकों को जारी कारण बताओ नोटिस के उत्तर लगातार प्राप्त हो रहे हैं। बता दें कि औद्योगिक क्षेत्र बिलासपुर के बंद पड़े प्लाटों पर भी विभाग कार्रवाई कर रहा है। इसका खुलासा भी विभाग द्वारा जल्द कर दिया जाएगा। 

21,000 वर्ग मीटर वाले इन प्लाटों की कीमत 3 करोड़ रुपए
बता दें कि इन 19 प्लाटों का कुल क्षेत्रफल 21,000 वर्ग मीटर है, जिसकी वर्तमान कीमत 3 करोड़ रुपए के लगभग है। विभाग ने इन प्लाटों के जमा किए गए 1 करोड़ 2 लाख रुपए के प्रीमियम को भी जब्त कर लिया है। इससे पहले वर्ष 2017 में ही 8 प्लाटों का आबंटन रद्द किया जा चुका है। इस प्रकार उद्योग विभाग की संभवत: यह आज तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। जानकारी के अनुसार शेष 17 प्लाटों में से 12 औद्योगिक प्लाटों को लेने वाले उद्योगपतियों को बैंकों ने डिफाल्टर घोषित कर इनको टेकओवर कर लिया है, जिस कारण इन पर फिलहाल विभागीय कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।

हाईकोर्ट व प्रदेश सरकार ने अपनाया सख्त रवैया 
गौर हो कि इस बारे माननीय हाईकोर्ट शिमला तथा प्रदेश सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि औद्योगिक प्लाटों पर औद्योगिक गतिविधि चलनी ही चाहिए अन्यथा इनका अधिग्रहण करके विभाग का लैंड बैंक तैयार किया जाएगा ताकि सही निवेशकों को प्लाटों का आबंटन किया जा सके। 

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