Edited By Updated: 26 Mar, 2017 03:14 PM
जब मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो बड़ी सी बड़ी मुश्किलें भी जिद के आगे पीछे हट जाती है। जी हां, ऐसा ही कर दिखाया है लाहौल के इन चार छात्रों ने।
केलांग (लाहौल-स्पीति): जब मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो बड़ी सी बड़ी मुश्किलें भी जिद के आगे पीछे हट जाती है। जी हां, ऐसा ही कर दिखाया है लाहौल के इन चार छात्रों ने। समुद्र तल से 13050 फीट ऊंचे बर्फ से ढके रोहतांग दर्रे को इस सीजन में पहली बार इन छात्रों ने पैदल पार किया है। 15 घंटे बर्फ में लगातार चलकर छात्रों ने यह मुकाम हासिल किया है। इतना ही नहीं उन्होंने 2017 में सबसे पहले दर्रा पार करने वाले यात्रियों की सूची में अपना नाम दर्ज किया है।
बर्फ के बीच 50 किलोमीटर का किया सफर
जानकारी के मुताबिक लाहौल के तेलिंग गांव के छात्रों समीर, संजय, गोविंद और सचिन ने बताया कि उन्होंने महज 10 किलोमीटर दूर कोकसर तक का सफर सबसे जोखिम भरा रहा। इस दूरी को तय करने में 5 घंटे का समय लगा। तेलिंग से कोठी तक पहुंचने के लिए इन्होंने बर्फ के बीच लगभग 50 किलोमीटर का सफर किया। यह छात्र परीक्षा देने के बाद अपने निजी काम के सिलसिले से मनाली रवाना हुए। वहीं एक छात्र ने कहा कि मौसम साफ रहे तो दर्रे को पैदल पार करना असंभव नहीं है, लेकिन यात्री रोहतांग पार करने से पहले मौसम का मिजाज देख लें।
युवाओं की हिम्मत और जुनून को सलाम
उन्होंने बताया कि तेलिंग से कोकसर के बीच जगह-जगह हिमखंड गिरने का खतरा है। इस दायरे में यात्रियों को अलर्ट होकर सफर करना होगा। उधर, उपायुक्त विवेक भाटिया ने इस दर्रे को पार करने वाले युवाओं की हिम्मत और जुनून को सलाम किया है। इन युवाओं ने इस सीजन में सबसे पहले रोहतांग दर्रा पैदल पार किया है।