Edited By Punjab Kesari, Updated: 03 Jan, 2018 08:39 PM
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
शिमला: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को स्वीकृति प्रदान कर दी है। बिलासपुर के कोठीपुरा में बनने वाले एम्स की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही विधानसभा चुनाव से पहले रख चुके हैं। इस परियोजना पर 1351 करोड़ रुपए की लागत आएगी। नए एम्स का निर्माण 48 माह में पूरा हो जाएगा। इसमें 750 बिस्तरों के साथ ट्रामा सैंटर की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें प्रति वर्ष 100 एम.बी.बी.एस. छात्रों को दाखिला मिलेगा, साथ ही बी.एससी. नर्सिंग की 60 सीटें, मैडीकल-पैरामैडीकल स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा, अस्पताल में 20 स्पैशलिटी/सुपर स्पैशलिटी के साथ 15 ऑप्रेशन थिएटर होंगे। पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए 30 बिस्तर (आयुष विभाग) सुविधा उपलब्ध होगी। एम्स की स्थापना से सुपर स्पैशलिटी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के अलावा अन्य तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
1300 बीघा भूमि का अधिग्रहण होगा
एम्स के निर्माण को लेकर पहले ही बिलासपुर के कोठीपुरा में करीब 1300 बीघा भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके लिए जिस स्थान का चयन किया है, वहां से कैटल ब्रीडिंग फार्म को तबदील किया गया है। इसी तरह चयनित स्थान पर खैर सहित अन्य प्रजाति के करीब 3000 पेड़ भी हैं।
नड्डा के गृह जिला में बनना है एम्स
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के गृह जिले में एम्स का निर्माण किया जाएगा। इसके बनने से राज्य के 5 जिलों बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, ऊना, शिमला और सोलन के लोगों को लाभ मिलेगा, साथ ही प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं और सुदृढ़ होंगी।