Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Feb, 2018 11:03 AM
शहर में खतरनाक हो चुके 133 सूखे पेड़ों को हटाया जाएगा। नगर निगम की ट्री अथॉरिटी कमेटी की बैठक में खतरनाक पेड़ों को हटाने का निर्णय लिया गया है। ट्री अथॉरिटी कमेटी की बैठक शनिवार को नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में घरों...
शिमला : शहर में खतरनाक हो चुके 133 सूखे पेड़ों को हटाया जाएगा। नगर निगम की ट्री अथॉरिटी कमेटी की बैठक में खतरनाक पेड़ों को हटाने का निर्णय लिया गया है। ट्री अथॉरिटी कमेटी की बैठक शनिवार को नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में घरों को खतरा बने खतरनाक पेड़ों, बारिश व बर्फबारी के कारण गिरे पेड़ों को हटाने को लेकर चर्चा की गई। मेयर ने बताया कि शहर के विभिन्न वार्डों में सूखे खतरानाक पेड़ों को हटाया जाएगा।
घरों के लिए खतरनाक बने 71 पेड़
इसके अलावा जो पेड़ गिरे पड़े हैं, जिनकी टहनियों की कांट-छांट होनी है उन्हें हटाया जाएगा। इसके लिए सरकार से मंजूरी मांगी गई है। मेयर ने कहा कि 133 पेड़ों में से 71 पेड़ ऐसे हैं जो सूखे हैं और घरों के लिए खतरनाक बने हुए हैं। इनमें 2 हरे पेड़ हैं और कुछ पेड़ों की टहनियों की कांट-छांट की जाएगी। ये पेड़ शहर के फागली, समरहिल, टूटीकंडी, टुटू, कैथू व अनाडेल सहित अन्य वार्डों में हैं जिनका विजिट किया गया था। लोग लंबे समय से पेड़ों को हटाने की अनुमति मांग रहे हैं, ऐसे में सरकार से परमिशन के बाद अब लोगों को राहत मिल सकेगी। बैठक में डी.एफ.ओ, पार्षद संजीव ठाकुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
शहर में कहां कितने पेड़
वहीं शहर के विभिन्न वार्डों में बारिश व बर्फबारी के कारण पेड़ गिरे हैं जिन्हें भी बैठक में हटाने के लिए निर्णय लिया गया है। इसमें सरकारी भूमि पर 8 पेड़ और निजी भूमि पर 12 ऐसे पेड़ हैं जो जगह-जगह पर गिरे हुए हैं। सरकारी भूमि पर सूखे 41 तथा निजी भूमि पर सूखे 30 पेड़ हैं जबकि सरकारी व प्राइवेट जमीन पर 2 हरे पेड़ हैं। इसके अलावा सरकारी भूमि पर 15 तथा प्राइवेट जमीन पर 25 ऐसे पेड़ हैं जिनकी टहनियों की कांट-छांट की जाएगी। यानी कुल 133 पेड़ हैं जिन्हें हटाया जाना है।