114 साल का हुआ खूबसूरत कालका-शिमला रेलवे ट्रैक, जानिए कुछ रोचक बातें

Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Nov, 2017 04:11 PM

114 years happened to beautiful kalka shimla railway track

लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला खूबसूरत कालका-शिमला रेलवे ट्रैक अब 114 साल का हो गया है। 1,676 मि.मी. (5 फुट 6 इंच) बड़ी गेज दिल्ली-कालका लाइन 1891 में खुली हुई है। 1898 में दिल्ली-अंबाला-कालका रेलवे कंपनी द्वारा 2 फुट (610 मि.मी.) छोटी गेज...

शिमला: लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला खूबसूरत कालका-शिमला रेलवे ट्रैक अब 114 साल का हो गया है। 1,676 मि.मी. (5 फुट 6 इंच) बड़ी गेज दिल्ली-कालका लाइन 1891 में खुली हुई है। 1898 में दिल्ली-अंबाला-कालका रेलवे कंपनी द्वारा 2 फुट (610 मि.मी.) छोटी गेज पटरियों पर कालका-शिमला रेलवे बनाया गया था। 96.54 कि.मी. (59.9 9 मील) लाइन 9 नवम्बर, 1903 को यातायात के लिए खोला गया। इसका उद्घाटन भारत वायसराय लॉर्ड कर्जन द्वारा किया गया था। 2007 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने रेलवे को एक विरासत संपत्ति घोषित की। 11 सितम्बर, 2007 से शुरू होने वाले एक सप्ताह के लिए, यूनैस्को की एक विशेषज्ञ टीम ने रेलवे का दौरा किया और विश्व धरोहर स्थल के रूप में संभावित चयन के लिए इसका निरीक्षण किया। 8 जुलाई, 2008 को कालका-शिमला रेलवे विश्व धरोहर स्थल भारत के माऊंटेन रेलवे का हिस्सा बन गया। उल्लेखनीय है कि इस रेल मार्ग की लंबाई 96 किलोमीटर है और इसमें 103 सुरंगें हैं। 
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भलखू ने की थी रेल ट्रैक की खोज
इस ट्रैक को बनाने में अंग्रेज इंजीनियर फेल हो गए तो स्थानीय निवासी भलखू ने अपनी छड़ी से बड़ोग टनल का कार्य पूरा करवाया था, जिस कारण यह ट्रैक शिमला तक बन सका। उनकी याद में एक संग्रहालय शिमला के पुराने बस स्टैंड के समीप रेल ट्रैक पर बनाया गया है। 


जानिए कुछ रोचक बातें
- साल 1903 में इस खूबसूरत और रोमांचक रेलवे ट्रैक को देश को समर्पित कर दिया गया था। 
- अंग्रेजों ने पहले इस रेलमार्ग को कालका से हिमांचल के किन्नौर तक लाने का सोचा था लेकिन फिर बाद में इसे शिमला तक लाया गया। 
- ब्रिटिश शासन के समय साल 1896 में इस रेलवे ट्रैक का निर्माण चीफ इंजीनियर एच एस हैरिंगटन(H.S. Harington) की अगुवाई में शुरु हुआ था। 
- इस रेलमार्ग पर ट्रेन शिवालिक की पहाड़ियों से होकर गुजरती है, जिसमें लगभग 919 घुमाव आते हैं और इस मार्ग के तीखे मोड़ों पर ट्रेन लगभग 48 डिग्री तक के कोण पर घूम जाती है। 
- कालका-शिमला रेलमार्ग पर ट्रेन 103 सुरंगों और 869 पुलों से होते हुए गुजरती है। 
- इस रेल ट्रैक के निर्माण के समय आ रही दिक्कतों के कारण अंग्रेजों ने इसे छोड़ने का मन बना लिया था, जिसके कारण एक अंग्रेज अधिकारी कर्नल बड़ोग ने आत्महत्या भी कर ली थी। इसी वजह से इस रास्ते पर एक स्टेशन का नाम बड़ोग स्टेशन रखा गया है।
- साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसी कालका-शिमला रेलमार्ग पर सफर किया था। 
- हर साल हजारों सैलानी या पर्यटक शिमला में पहाड़ों की बर्फ का आनंद लेने के साथ-साथ इस रेलमार्ग पर सफर का मजा लेने आते हैं। 
- यहां बॉलीवुड की अनेकों फिल्मों के गाने और सीन भी फिल्माए गए हैं। 

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