अध्यापक संघों से चर्चा के बाद ही तबादला नीति बनाई जाए

Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Feb, 2018 01:53 PM

transferred policy should be made after discussions with teacher associations

प्रदेश पदोन्नत प्रवक्ता संघ ने सरकार से मांग की लगभग 1 लाख 20 हजार शिक्षकों के लिए विभिन्न अध्यापक संघों से विचार-विमर्श के बाद ही एक व्यावहारिक तबादला नीति बनाई जाए। सरकार ऐसी स्थानांतरण नीति न लाए जिसे लागू करना सरकार के लिए ही टेढ़ी खीर हो, फिर...

हमीरपुर : प्रदेश पदोन्नत प्रवक्ता संघ ने सरकार से मांग की लगभग 1 लाख 20 हजार शिक्षकों के लिए विभिन्न अध्यापक संघों से विचार-विमर्श के बाद ही एक व्यावहारिक तबादला नीति बनाई जाए। सरकार ऐसी स्थानांतरण नीति न लाए जिसे लागू करना सरकार के लिए ही टेढ़ी खीर हो, फिर इस तबादला नीति का हश्र भी वर्तमान व पूर्व तबादला नीतियों की तरह ही होगा। इस संदर्भ में संघ की कोर कमेटी अध्यक्ष केवल ठाकुर व प्रदेश महासचिव यशवीर जम्वाल ने खेद व्यक्त किया कि पिछले चंद महीनों में ऐसी सुॢखयां आ रही हैं, अब नपेंगे गुरुजी, नहीं चलेगी अध्यापकों की जुुगाड़बाजी, दूरदराज के क्षेत्र में होगा अध्यापकों का स्थानांतरण, ऐसी खबरों से जहां अध्यापक का मनोबल गिरता है, वहीं सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत 10 लाख बच्चों की आस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है।

25 किलोमीटर दूर अध्यापकों के तबादले की बात की जाए 
अगर सरकारी अध्यापक इतना ही जुगाड़ू हैं जिस पर शिकंजा कसने के लिए अन्य कर्मचारियों से हटकर एक सशक्त स्थानांतरण नीति की जरूरत है और उसकी हाजरी सुनिश्चित करने के लिए बॉयोमैट्रिक ही एकमात्र हल है तो यह सरकारी अध्यापक कैसे 10 लाख बच्चों और उनके परिवारों के लिए आस्था का प्रतीक बन गया। अगर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर अध्यापकों के तबादले की बात की जाए तो यह छोटे जिलों हमीरपुर, बिलासपुर व ऊना में संभव नहीं होगा क्योंकि इन जिलों की अधिकतर सीमा 25 किलोमीटर से कम ही है और अध्यापकों ने यह उम्मीद तो कभी नहीं की होगी कि नई सरकार उन्हें अपने जिला से बाहर करने का रास्ता ढूंढेगी। फिर भी अगर सरकार को लगता है कि इससे शिक्षा विभाग में गुणवत्ता आएगी तो क्या और विभागों में गुणवत्ता की कोई गुंजाइश नहीं है?

प्रदेश के कुल कर्मचारियों के लगभग आधे के करीब अध्यापक 
क्यों न प्रदेश के सभी कर्मचारियों के लिए एक समान तबादला नीति बनाई जाए? संघ के प्रदेशाध्यक्ष रत्नेश्वर सलारिया का कहना है कि प्रदेश के कुल कर्मचारियों के लगभग आधे के करीब अध्यापक हैं। सरकार का कोई भी अभियान बिना अध्यापक सफल नहीं होता और अध्यापक पर नया प्रयोग करने से अभिप्राय है कि बच्चों के भविष्य से प्रयोग करना। अत: संघ प्रदेश सरकार से मांग करता है कि प्रदेश के शिक्षकों के लिए अन्य कर्मचारियों की भांति एक सर्वमान्य स्थानांतरण नीति बनाई जाए जिसमें प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को भी ध्यान में रखा जाए और प्रदेश सरकार को भी इसे लागू करने में कठिनाई न हो। इस मौके पर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिमन, प्रधान जिला बिलासपुर संजीव शर्मा, प्रधान कुल्लू मनोज, प्रधान मंडी कमल किशोर, प्रधान ऊना मोहन लाल, प्रधान कांगड़ा प्रदीप धीमान, प्रदेश मीडिया प्रभारी विकास धीमान, व राजकुमार भी मौजूद रहे।

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