20 साल बाबा बालक नाथ मंदिर में सेवा, फिर भी नहीं मिला 'फल'

Edited By Updated: 24 Oct, 2016 04:48 PM

baba balak nath temple working employee

उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध न्यास में कार्यरत कर्मचारी 20 वर्षों के पश्चात भी नियमित न...

बिझड़ी: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध न्यास में कार्यरत कर्मचारी 20 वर्षों के पश्चात भी नियमित न होने के चलते निराशा में जीवन गुजारने पर मजबूर हैं। 1995-97 से मंदिर न्यास में अपनी सेवाएं दे रहे इन दिहाड़ीदारों के लिए आज दिन तक प्रदेश सरकार एवं मन्दिर न्यास द्वारा कोई नीति नहीं बनाई जा सकी है जबकि कई कर्मचारी नियमित होने का सपना देखते-देखते सेवानिवृत्त हो चुके हैं तथा कई रिटायरमैंट की दहलीज तक पहुंच गए हैं। 


जानकारी के अनुसार न्यास द्वारा सन् 2000 में फिर से कुछ कर्मचारियों की नियुक्तियां की गईं थीं जिन्हें मात्र 4 वर्ष पश्चात 2004 में सरकार की पॉलिसी के तहत नियमित करके तोहफा दे दिया गया था लेकिन पुराने कर्मचारी आज भी दिहाड़ीदार के रूप में काम कर रहे हैं। 62 के लगभग इन कर्मचारियों में से 15-18 रिटायर हो चुके हैं जबकि 44 के करीब कर्मचारी अभी सेवाएं दे रहे हैं। 


गौर रहे कि बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा हर वर्ष करोड़ों का चढ़ावा चढ़ाया जाता है तथा न्यास की आमदनी लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन न्यास द्वारा 2001 से 2016 तक किसी भी नए कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई है जबकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है। काम के बोझ तले दबे इन कर्मचारियों का कहना है कि अन्य सरकारी विभागों में 5 से 10 साल के पश्चात कर्मचारियों को नियमित करके रेबड़ियां बांटी जा रही हैं लेकिन 20 वर्ष बीतने के पश्चात भी हमारे साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। 20 वर्ष की नौकरी करने के बाद भी सरकार के इस रवैये के चलते आज हमारे परिवार व बच्चों का भविष्य अनिश्चित है।

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