अब शव यात्रा देखने को मजबूर नहीं होंगे स्कूली बच्चे

Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Feb, 2018 01:34 PM

school student

राजकीय उच्च पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को शीघ्र ही मानसिक परेशानी से निजात मिलने वाली है। बच्चों की मनोस्थिति को ध्यान में रखते हुए डी.सी. ने स्कूल में बाऊंडरी वाल लगाने के लिए खंड विकास चम्बा को निर्देश जारी कर दिए हैं, वहीं इस कार्य...

चंबा (विनोद): राजकीय उच्च पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को शीघ्र ही मानसिक परेशानी से निजात मिलने वाली है। बच्चों की मनोस्थिति को ध्यान में रखते हुए डी.सी. ने स्कूल में बाऊंडरी वाल लगाने के लिए खंड विकास चम्बा को निर्देश जारी कर दिए हैं, वहीं इस कार्य को जल्द से जल्द अंजाम देने की भी बात कही है। डी.सी. चम्बा हरिकेश मीणा के इन आदेशों के चलते ही मंगलवार को जिला के तकनीकी स्टाफ ने स्कूल में पहुंच कर दीवार निर्माण के लिए पैमाइश प्रक्रिया को अंजाम दिया ताकि विभाग इस कार्य पर आने वाले खर्च का प्राकलन तैयार करके डी.सी. कार्यालय को बजट के लिए प्रेषित कर सके। 


राजकीय उच्च पाठशाला पक्काटाला ऐसे स्थान पर मौजूद है जहां से नगर के किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए नगर के मुख्य श्मशानघाट भगौत तक ले जाया जाता है। ऐसे में स्कूल से जब भी यह शवयात्रा गुजरती है तो इसमें शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की न चाहते हुए भी नजर उस पर पड़ जाती है, क्योंकि स्कूल की दीवार की ऊंचाई अधिक नहीं है। ऐसे में लगभग हर माह कम से कम 15 से 20 शवयात्राएं यहां से गुजरती हैं। नि:संदेह छोटे-छोटे बच्चों के कोमल मन पर इस प्रकार के दृश्यों के बुरा असर पड़ने की आशंका बनी रहती है। 


इस बात को हाल ही में डी.सी. के ध्यान में लाया गया। इस पर उन्होंने शीघ्र प्रभावी कदम उठाने की बात कही थी। उधर, स्कूल में कार्यरत अध्यापकों का कहना है कि स्कूल परिसर से शवयात्रा को गुजरता देखने से जहां बच्चों की मनोस्थिति पर बुरा असर पडऩे की आशंका अभिभावकों के मन में बनी रहती है तो इसका असर स्कूल की शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ता है। ऐसे में स्कूल की सुरक्षा दीवार के ऊंचा किए जाने से जहां बच्चों को शवयात्रा जैसे दृश्य नहीं देखने को मिलेंगे तो साथ ही स्कूल की शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित नहीं होगी।


95 प्रतिशत बच्चे एस.सी. वर्ग के: राही
अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी कल्याण महासंघ के जिलाध्यक्ष अनूप राही ने बताया कि राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल पक्काटाला में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों में 95 प्रतिशत बच्चे अनुसूचित जाति वर्ग से संबन्धित हैं। ऐसे में इन बच्चों को करीब हर दिन शवयात्रा देखने के लिए मजबूर होना पड़ता है लेकिन प्रशासन ने अब जो कदम उठाने का निर्णय लिया है वह बच्चों को इस प्रकार के माहौल से दूर रखने में कारगर साबित होगा। अनूप राही ने कहा कि प्रशासन का यह कदम निश्चिततौर पर सराहनीय है क्योंकि इस दीवार के निर्माण की बेहद आवश्यकता थी।  

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