Edited By Updated: 09 Feb, 2016 03:14 PM
आत्महत्याओं के लिए प्रदेश में बदनाम हो चुके शिमला-हमीरपुर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-103 पर सतलुज नदी पर कंदरौर में बने पुल पर अब कोई सुसाइड नहीं कर पाएगा।
बिलासपुर: आत्महत्याओं के लिए प्रदेश में बदनाम हो चुके शिमला-हमीरपुर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-103 पर सतलुज नदी पर कंदरौर में बने पुल पर अब कोई सुसाइड नहीं कर पाएगा। दरअसल जिला प्रशासन ने पुल पर जाली लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिला प्रशासन ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बिलासपुर से इसका डिजाइन व प्राकलन भी तैयार करवा लिया है। जानकारी के अनुसार सतलुज नदी पर 280 मीटर ऊंचे बने इस पुल की रेलिंग पर जिला प्रशासन द्वारा 5 फुट ऊंची जाली लगाई जाएगी।
जाली बनाने के लिए करीब 9 लाख रुपए खर्च आएगा। जिला प्रशासन जाली तैयार कर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-103 प्राधिकरण को देगा। हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण इस पुल पर जाली लगाने को तैयार नहीं था तथा प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा तर्क दिया जाता था कि पुल की रेलिंग पर जाली लगाने से पुल को नुक्सान हो सकता है लेकिन इस पुल पर छलांग लगाकर आत्महत्या करने वालों की बढ़ रही तादाद को देखते हुए एस.डी.एम. सदर डा. हरीश गज्जू की अदालत ने प्राधिकरण के अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 133 के तहत नोटिस जारी किया तथा जानमाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के अधिकारियों की तय की।
उन्होंने नोटिस में स्पष्ट लिखा था कि यदि यहां पर किसी ने आत्महत्या की तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों के विरुद्घ कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारियों ने पुल पर जाली लगाने का प्राकलन तैयार किया था तथा इस पर 39 लाख खर्च होने की बात कही थी।
जिला प्रशासन ने इसके बाद अपने स्तर पर आई.टी.आई. बिलासपुर के विशेषज्ञों से इसका प्राकलन तैयार करवाया। एस.डी.एम. सदर डा. हरीश गज्जू ने बताया कि आई.टी.आई. बिलासपुर से पुल की जाली का डिजाइन व प्राकलन तैयार हो गया है। जल्द ही कंदरौर पुल पर जाली लगवा दी जाएगी। वहीं, शिमला-हमीरपुर राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के सहायक अभियंता डी.सी. शर्मा ने बताया कि जैसे ही जिला प्रशासन पैनल (जाली) तैयार करके देगा, विभाग पुल पर जाली लगा देगा।